मुसलमानों के लिए दीमक जैसा शब्द प्रयोग होता है, तो क्या यह गाँधी का भारत है या गोडसे का: महबूबा मुफ्ती

जब हम गाँधीजी की जयन्ती मनातें हैं, तो हमें स्वयं से ये सवाल करना चाहिए कि हम उनके भारत के प्रति न्याय, मानवीय मूल्यों, सत्य और अहिंसा के विचारों के प्रति वचनबद्ध हैं। ऐसे समय में जब मुसलमानों और अल्पसंख्यकों के लिए एक दीमक जैसा शब्द प्रयोग होता है, तो क्या यह गाँधी का भारत है या गोडसे का?"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लेख पर महबूबा मुफ्ती ने किया ट्वीट
महात्मा गाँधी की 150वीं जयन्ती पर जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसने का प्रयास किया। उन्होंने महात्मा गाँधी पर नरेंद्र मोदी द्वारा लिखे लेख को आधार बनाकर हैरानी जताते हुए कहा कि आप वैश्विक मंच पर बापू को याद करते हैं, लेकिन घर आकर उनके हत्यारों की प्रशंसा करते हैं।
गौरतलब है कि आज राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की 150 वीं जयन्ती पर अमेरिका के डेली अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने नरेंद्र मोदी का एक लेख छपा है। जिसमें प्रधानमंत्री ने लिखा, “महात्मा गांधी में समाज में बड़े विरोधाभासों के बीच एक जरिया बनने की अनोखी क्षमता थी।”
जिसे री-ट्वीट करते हुए महबूबा मुफ्ती के ट्विटर हैंडल से लिखा गया, “हैरानी है, आप वैश्विक मंच पर बापू को याद करते हैं लेकिन घर वापस आकर उनके हत्यारों की प्रशंसा करते हैं।”
इसके अलावा महबूबा मुफ्ती अपने ट्वीट से लिखती हैं कि जब हम गाँधीजी की जयन्ती मनातें हैं, तो हमें स्वयं से ये सवाल करना चाहिए कि हम उनके भारत के प्रति न्याय, मानवीय मूल्यों, सत्य और अहिंसा के विचारों के प्रति वचनबद्ध हैं। ऐसे समय में जब मुसलमानों और अल्पसंख्यकों के लिए एक दीमक जैसा शब्द प्रयोग होता है, तो क्या यह गाँधी का भारत है या गोडसे का?
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के बाद बताया जा रहा है कि महबूबा मुफ्ती को नजरबंद कर दिया गया है और उनका सोशल मीडिया अकॉउंट उनकी बेटी इल्तिजा द्वारा संचालित किया जा रहा है।
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